प्राचार्य का संदेश –
इस नगर के हृदयस्थल में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में आपका स्वागत है । हमारे विद्यालय का उद्देश्य वैश्विक युवा वर्ग को शिशु कक्षाओं से द्वादशी कक्षा तक हमारे विद्यार्थियों को एक बोधात्मक शिक्षा प्रदान करने के द्वारा अपने उत्पादक स्थान को वैश्विक समुदाय में नेता के रूप में ग्रहण करने हेतु शिक्षित करना है ।
तकनीकी के आगमन के साथ क्योंकि हम एक सीमाहीन और अंतर संबंधित विश्व की ओर बढ़ रहे हैं , ‘‘आकाश सीमा है‘‘ यह सामान्य पदबंध कुछ घिसी पिटी उक्ति प्रतीत होती हैं क्योंकि सफलता का प्रमात्र अनेक रूपों में विकसित हुआ है। सफलता के आगमन के साथ जीतने की प्रवृत्ति और उपलब्धियों का जोश और शिक्षा का उद्देश्य श्रेष्ठता हेतु मन बनाने की तैयारी का होना चाहिए । श्रेष्ठता बालक की क्षमता और शक्ति पर निर्भत रहते हुए विविध क्षेत्रों में उपलब्धि के रूप में अर्जित की जा सकती है । पाठ्यक्रम एक अच्छी शिक्षा और अधिगम अनुभवों और तथ्यों की सही समझ निर्मित करने हेतु एकीकृत योजनाओं को शामिल करने द्वारा अवश्य ही समृद्ध किया जाना चाहिए । अनुभवजन्य अधिगम मेरे लिए, स्तरीय शिक्षा की चाबी है।
जब मैं सरस्वती शिशु मंदिर से अपनी यात्रा की शुरूआत करता हॅूं मैं मेरे विद्यार्थियों के लिए विविध संकायों में श्रेष्ठता के साथ चरित्र निर्माण के कार्य को वृद्धि के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में लेता हॅूं । मूल्य आधारित अधिगम, सहज कुशलता विकास, नेतृत्व प्रशिक्षण, आत्म शासन की कला, आपदा प्रबंधन और अन्य बातों पर भी जोर रहेगा।
अंततः शिक्षा विशिष्टकृत कुशलताओं के प्रदान करने और आगामी पीढ़ी के प्रति वार्तालाप के उपकरणों, जो रचनात्मक रूप से मानवता की उन्नति के लिए प्रयुक्त हो सकें|
शुभकामनाएं —
प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर